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रुद्रयामल का बगला अष्टोत्तर शतनाम स्त्रोत

– माँ की कृपा विचित्र होती है – स्त्रोत पाठ हृदय की कातर पुकार के रूप में अभिव्यक्त हो तो आध्यात्मिक शक्तियाँ अपनी कृपा प्रदान करती ही है और पराम्बा शीघ्रतिशीघ्र द्रवित होती है। दुःखी व्यक्ति के हृदय से कातर पुकार निकलती ही है। शीघ्रता से गा कर पाठ न करें कहा गया है – रटंत विद्या फलन्त ना ही। यहा हमारा बारम्बार का अनुभव रहा है, बगला शतनाम स्त्रोत में आश्चर्यजनक शक्ति समाई हुई है।

1. ब्रम्ह्मास्त्र रूपिणी देवी

2.माता बगलामुखी ।

3.चिच्छक्तिर्ज्ञानरूपा

4.ब्रम्ह्मानन्द प्रदायिनी ।। 1 ।।

5.महाविद्या

6.महालक्ष्मी

7.श्री मत्रिपुरसुन्दरी ।

8.भुवनेशी

9.जगन्माता

10.पार्वती

11.सर्वमंगला ॥ 2 ॥

12.ललिता

13. भैरवी

14. शान्ता

15. अन्नपूर्णा

16. कुलेश्वरी ।

17.वाराही

18.छिन्नमस्ता

19.तारा

20.काली

21.सरस्वती ।। 3 ।।

22. जगत्पूज्या

23. महामाया

24.कामेशी

25. भगमालनी ।

26.दक्षपुत्री

27.शिवांकस्था

28.शिवरूपा

29. शिव प्रिया ।। 4 ।

30.सर्व सम्पत्करी देवी

31.सर्वलोक वंशकरी |

32.वेद विद्या

33.महापूज्य

34.भक्ताद्वेषी

35.भयंकरी ।। 5 ।।

36.स्तम्भरूपा

37.स्तम्भिनी

38. दुष्ट स्तम्भन कारिणी ।

39.भक्त प्रिया

40.महाभोगा

41.श्री विद्या

42.ललिताम्बिका ।। 6 ।।

43.मैनापुत्री

44.शिवानन्दा

45.मातंगी

46.भुवनेश्वरी ।

47.नरसिंही

48.नरेन्द्रा

49.नृपाराध्या

50.नरोत्तमा ।। 7 ।।

51.नागनी

52. नागपुत्री

53. नगराज सुता

54.उमा ।

55. पीताम्बरा

56.पीतपुष्पा

57.पीत वस्त्र प्रिया

58.शुभा ।। 8 ।।

59.पीत गंध प्रिया

60.रामा

61.पीतरत्नार्चिता

62.शिवा ।

63.अर्द्धचन्द्रधरी देवी

64. गुदा मुद्गर धारिणी ।। 9।।

65. सावित्री

66. त्रिपदा

67. शुद्धा

68. सद्यो राग विवर्धिनी ।

69. विष्णुरूपा

70. जगन्मोहा

71. ब्रह्मरूपा

72.हरिप्रिया ।। 10 ।।

73. रुद्ररूपा

74.रुद्रशक्तिश्चिन्मयी

75. भक्ता वत्सला ।

76.लोकमाता

77.शिवा

78. सन्ध्या

79. शिव पूजन तत्परा । 11 ।।

80.धनाध्यक्षा

81. धनेशी

82. धर्मदा

83. धनदा

84.धना ।

85.चण्डदर्पहरी देवी

86.शुम्भासुर निवर्हिणी ।। 12 ।।

87.राज राजेश्वरी देवी

88.महिषासुर मर्दिनी |

89.मधु कैटभहन्त्री

90.रक्त बीज विनाशिनी ।। 13 ।।

91.धूम्राक्ष दैत्य हन्त्री

92.भण्डासुरविनाशिनी ।

93. रेणु पुत्री

94.महामाया

95.भ्रामरी

96.भ्रमराम्बिका ।। 14

97. ज्वालामुखी

98. भद्रकाली

99. बगला

100. शत्रु नाशिनी ।

101. इन्द्राणी

102. इन्द्र पूज्या

103. गुहमाता

104. गुणेश्वरी ।। 15।।

105. ब्रजपाशधरा देवी

106 जिह्वा मुद्गर धारिणी ।

107. भक्ता नन्द करी देवी

108 बगला परमेश्वरी ।। 16।। 

|| जय माँ बगलामुखी ||

टी.डी. सिंह जी

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नोट – माँ की कृपा विविध होती है – स्तोत्र पाठ ह्रदय की करुण पुकार के रूप में अभिव्यक्त हो तो आध्यात्मिक शक्तियाँ अपनी कृपा प्रदान करती हैं और परामान शीतलशिवरूप द्रवित होती हैं।दुखों-व्याधियों के ह्रदय से करुण पुकार निकली हो तो। शीतला से यज्ञ कर, पाठ न करें कहा गया है – टंटा विघ्न फैलता। ना ही यह हमारा बारम्बार का अनुभव रहा है, बगला शतनाम स्तोत्र में अर्घ्यस्वरूप शक्तियाँ समाहित हुई हैं। || जय माँ बगलामुखी ||

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🔱  जय माँ बगलामुखी  🔱