SoftBrownModernRipInstagramPost12-ezgif.com-resize
Loading ...

Baglatd

Edit Content

बगला गायत्री: माला की प्राण प्रतिष्ठा विधि

हल्दी की माला की प्राण प्रतिष्ठा विधि:

प्रारंभिक तैयारी:

  • स्नान कर किसी पवित्र स्थान पर आसन लगाकर शांतचित्त होकर बैठ जाएं।
  • एक पीतल के बर्तन में गाय के पंचगव्य को एकत्र करें।

पंचगव्य निर्माण विधि:

  • गाय का दूध – 50 ग्राम
  • गाय का दही – 50 ग्राम
  • गाय का घी – 50 ग्राम
  • गोमूत्र – 10 ग्राम
  • गाय का गोबर – 5 ग्राम

उपरोक्त सभी को एक पात्र में मिलाकर अच्छी तरह से मिश्रण करें। फिर इस पंचगव्य में हल्दी की नई माला (या जिस माला को सिद्ध करना हो) डाल दें।

मूल मंत्र जप: अब अपने दक्षिण हाथ की अंगुलियों से पात्र को ढककर निम्न मूल मंत्र का 108 बार जप करें:

मूल मंत्र: ऊँ ह्ल्रीं बगलामुखि सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पंदं स्तम्भय जिह्वांम् कीलय बुद्धिं विनाशय ह्ल्रीं ऊँ स्वाहा ।

दूध में स्नान और अभिमंत्रण: अब उस माला को गाय के दूध में डालें और उसी मूलमंत्र से पुनः 108 बार जप करें। इसके बाद, गंगा जल से माला को धोएं — प्रत्येक बार धोते हुए 36 बार मूलमंत्र जपें।

गुग्गुल धूपन और पंचामृत स्नान: माला को गंगाजल स्नान के बाद गुग्गुल से धूपित करें। फिर पंचामृत (गंगाजल, गाय का दूध, गोघृत, तुलसी पत्र, शर्करा) से स्नान कराएं। यह स्नान 36 या 108 बार मूलमंत्र के साथ करें।

प्राण प्रतिष्ठा की विधि: अब एक स्वच्छ कुश को मूलमंत्र से 36 बार गंगाजल द्वारा पवित्र करें। इसे चटाई या आसन पर रखें और माला को इस कुश से स्पर्श कराएं।

स्पर्श मंत्र: ओं हल्रीं हरिद्रा मालिकायै नमः

पूजा विधि और वंदना: मूलमंत्र द्वारा पंचोपचार पूजन करें, फिर माला की वंदना करें:

माला वंदना मंत्र:

ओं मां माले महामाये सर्व शक्ति स्वरूपिणी । चतुर्वर्ग त्वपि न्यस्तः तस्मान् में सिद्धिदा भव ।।

ओं अविघ्नं कुरु माले त्वं गृहणामि दक्षिणे करे । जप काले च सिद्धयर्थ प्रसीद मम सिद्धये ।।

ओं हरिद्रा मालाधिपतये सुशिव देहि देहि बगला ।।

मन्त्रार्थ: साघिनि साघरय साधय सर्व सिद्धि परिकल्पय परिकल्पय मे स्वाहा।।

अंतिम निवेदन: अब 108 बार मूलमंत्र का पुनः जप कर देवी को जप समर्पित करें।

जप निवेदन मंत्र: ओं गुह्यति गुह्य गोप्ती त्वं गृहाण स्यत् कृत जपं । सिद्धि भर्वतु में देवि त्वत्-प्रसादात् महेश्वरी ।

|| जय माँ बगलामुखी ||

टी.डी. सिंह जी

नवीनतम अनुभव

बन्धन कैसे खोले

समाज में अच्छे व बुरे दोनों प्रकार के साधक होते हैं, यदि किसी दुष्ट तांत्रिक ने आप के मंत्रों का कीलन कर दिया, दूसरे शब्दों में उसने आप के मंत्रों को बांध दिया है, तो आप का सारा परिश्रम व्यर्थ हो जाएगा, परिणाम शून्य ही आयेगा। इसलिए कहा गया है कि अनुष्ठान करते समय अपना मंत्र किसी को नहीं बतलाना चाहिए। फिर भी किसी दुष्ट ने यदि आप के मंत्रों को बांध दिया है तो उस दुष्ट तांत्रिक को उचित दंड देने हेतु मां से प्रार्थना करें। मैं वह विधि सार्वजनिक नहीं कर सकता जिससे उस दुष्ट तांत्रिक को चाहे कितना ही ताकतवर क्यू न हो इस संसार को टाटा करना ही पड़ जाता है। कुछ साधारण प्रयोग हैं, जिसे

और पढ़ें

प्राण प्रतिष्ठा- गूलर की लकड़ी पर

विनियोग – ॐ अस्य श्री प्राण प्रतिष्ठा मन्त्रस्य ब्रह्मा विष्णु रुद्रा ऋषयः ऋग्य जुसामानिच्छन्दासि, पराssख्या प्राण शक्ति देवता आं बीजं, ही शक्तिः, क्रों कीलकम् मम शत्रु ( …….) प्राण प्रतिष्ठापने विनियोगः । (जल भूमि पर डाल दे ) ऋष्यादि न्यास- ॐ अंगुष्ठायो ।  ॐ आं ह्रीं क्रौं अं कं खं गं घं ड़ं आं ॐ हीं वाय वग्नि सलिल पृथ्वी स्वरूपाददत्मने डंग प्रत्यंगयौः तर्जन्येश्च । ॐ आं ह्रीं क्रौं इं छं जं झं ञं ई परमात्य पर सुगन्धा ssत्मने शिरसे स्वाहा मध्यमयोश्च । ॐ आं ह्रीं क्रौं डं टं ठं डं ढं णं ॐ श्रोत्र त्व क्चक्षु-जिव्हा धाणाssत्यने शिखायै वषट् अनामिकयोश्च । ॐ आं ह्रीं क्रों एं थंदं धं नं प्राणात्मने-कवचाय हुं कनिष्ठिकयोश्च। ॐ आं ह्रीं क्रों पं फं बं

और पढ़ें

माँ के मंदिर हेतु पुण्य दान करें

QR कोड स्कैन करें और दान करें

🙏 धन्यवाद 🙏

आपका यह दान धर्म, भक्ति और सेवा के पवित्र कार्य में सहायक सिद्ध होगा। माँ बगलामुखी आपकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण करें और आपको शक्ति, सफलता व सुरक्षा प्रदान करें।

🔱  जय माँ बगलामुखी  🔱