लोरेम इप्सम केवल यादृच्छिक पाठ नहीं है, लोकप्रिय धारणा के विपरीत है। शास्त्रीय लैटिन साहित्य में इसकी उत्पत्ति का पता 45 ईसा पूर्व में लगाया जा सकता है, जिससे यह 2000 वर्ष से अधिक पुराना हो गया है। वर्जीनिया में हैम्पडेन-सिडनी कॉलेज के एक लैटिन प्रोफेसर रिचर्ड मैक्लिंटॉक
लोरेम इप्सम केवल यादृच्छिक पाठ नहीं है, लोकप्रिय धारणा के विपरीत है। शास्त्रीय लैटिन साहित्य में इसकी उत्पत्ति का पता 45 ईसा पूर्व में लगाया जा सकता है, जिससे यह 2000 वर्ष से अधिक पुराना हो गया है। वर्जीनिया में हैम्पडेन-सिडनी कॉलेज के एक लैटिन प्रोफेसर रिचर्ड मैक्लिंटॉक
“वास्तु विद्या” एक प्राचीन भारतीय वास्तुशास्त्र पर आधारित पुस्तक है, जो वास्तु के सिद्धांतों को सरल और व्यावहारिक भाषा में प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक बताती है कि कैसे हमारे घर, कार्यालय या किसी भी निर्माण स्थान की दिशा, संरचना और ऊर्जा का संतुलन हमारे जीवन में सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य और मानसिक शांति लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें पंचमहाभूतों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश) के सिद्धांतों के साथ-साथ प्रत्येक कमरे – जैसे मुख्य द्वार, रसोई, शयनकक्ष, पूजा स्थल आदि – के लिए उचित दिशा और स्थान का महत्व समझाया गया है। पुस्तक में वास्तु दोषों को बिना तोड़-फोड़ के ठीक करने के उपाय, व्यावसायिक स्थलों के लिए वास्तु सलाह, दिशा ज्ञान, ऊर्जा प्रवाह, तथा वास्तु और ज्योतिष के आपसी संबंध पर भी प्रकाश डाला गया है। चित्रों, वास्तु चार्ट्स और वास्तविक जीवन के उदाहरणों के साथ यह पुस्तक हर उस व्यक्ति के लिए उपयोगी है जो अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और स्थायित्व लाना चाहता है। यह न केवल वास्तु सलाहकारों और इंटीरियर डिज़ाइनरों के लिए मार्गदर्शक है, बल्कि आम पाठकों के लिए भी आत्मिक और भौतिक समृद्धि की दिशा में एक कदम है।
लोरेम इप्सम केवल यादृच्छिक पाठ नहीं है, लोकप्रिय धारणा के विपरीत है। शास्त्रीय लैटिन साहित्य में इसकी उत्पत्ति का पता 45 ईसा पूर्व में लगाया जा सकता है, जिससे यह 2000 वर्ष से
आपका यह दान धर्म, भक्ति और सेवा के पवित्र कार्य में सहायक सिद्ध होगा। माँ बगलामुखी आपकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण करें और आपको शक्ति, सफलता व सुरक्षा प्रदान करें।
🔱 जय माँ बगलामुखी 🔱