नोट – माँ की कृपा विविध होती है – स्तोत्र पाठ ह्रदय की करुण पुकार के रूप में अभिव्यक्त हो तो आध्यात्मिक शक्तियाँ अपनी कृपा प्रदान करती हैं और परामान शीतलशिवरूप द्रवित होती हैं।
दुखों-व्याधियों के ह्रदय से करुण पुकार निकली हो तो। शीतला से यज्ञ कर, पाठ न करें कहा गया है – टंटा विघ्न फैलता। ना ही यह हमारा बारम्बार का अनुभव रहा है, बगला शतनाम स्तोत्र में अर्घ्यस्वरूप शक्तियाँ समाहित हुई हैं।
- ब्रह्मास्त्ररूपिणी देवी
- माता बगलामुखी
- चिच्छक्तिर्ज्ञानरूपा
- ब्रह्मानन्दप्रदायिनी ॥१॥
- महाविद्या
- महालक्ष्मी
- श्रीत्रिपुरसुन्दरी
- भुवनेशी
- जगन्माता
- पार्वती
- सर्वमङ्गला ॥२॥
- ललिता
- भैरवी
- शान्ता
- अन्नपूर्णा
- कुलेश्वरी
- वाराही
- छिन्नमस्ता
- तारा
- काली
- सरस्वती ॥३॥
- जगत्पूज्या
- महामाया
- कामेशी
- भगमालिनी
- दक्षपुत्री
- शिवाङ्कस्था
- शिवरूपा
- शिवप्रिया ॥४॥
- सर्वसम्पत्करी देवी
- सर्वलोकवंशकरी
- वेदविद्या
- महापूज्या
- भक्तद्वेषी
- भयानकरी ॥५॥
- स्तम्भरूपा
- स्तम्भिनी
- दुष्टस्तम्भनकारिणी
- भक्तप्रिया
- महाभोगा
- श्रीविद्या
- ललिताम्बिका ॥६॥
- मैनापुत्री
- शिवानन्दा
- मातङ्गी
- भुवनेश्वरी
- नरसिंही
- नरेन्द्रा
- नृपाराध्या
- नरोत्तमा ॥७॥
- नागिनी
- नागपुत्री
- नगराजसुता
- उमा
- पीताम्बरा
- पीतपुष्पा
- पीतवस्त्रप्रिया
- शुभा ॥८॥
- पीतगन्धप्रिया
- रामा
- पीतरत्नार्चिता
- शिवा
- अर्धचन्द्रधरी देवी
- गदामुद्गरधारिणी ॥९॥
- सावित्री
- त्रिपदा
- शुद्धा
- सद्योरागविवर्धिनी
- विष्णुरूपा
- जगन्मोहा
- ब्रह्मरूपा
- हरिप्रिया ॥१०॥
- रुद्ररूपा
- रुद्रशक्तिश्चिन्मयी
- भक्तवत्सला
- लोकमाता
- शिवा
- सन्ध्या
- शिवपूजनतत्परा ॥११॥
- धनाध्यक्षा
- धनेशी
- धर्मदा
- धनदा
- धना
- चण्डदर्पहरिणी देवी
- शुम्भासुरनिवर्हिणी ॥१२॥
- राजराजेश्वरी देवी
- महिषासुरमर्दिनी
- मधुकैटभहन्त्री
- रक्तबीजविनाशिनी ॥१३॥
- धूम्राक्षदैत्यहन्त्री
- भण्डासुरविनाशिनी
- रेणुपुत्री
- महामाया
- भ्रामरी
- भ्रमराम्बिका ॥१४॥
- ज्वालामुखी
- भद्रकाली
- बगला
- शत्रुनाशिनी
- इन्द्राणी
- इन्द्रपूज्या
- गुहमाता
- गुणेश्वरी ॥१५॥
- वज्रपाशधरा देवी
- जिव्हामुद्गरधारिणी
- भक्तानन्दकरी देवी
- बगला परमेश्वरी ॥१६॥
|| जय माँ बगलामुखी ||