माँ बगलामुखी के शाबर मंत्र :-
नीचे दिए गए शाबर मंत्रो को प्रयोग करने से पहले गुरु आज्ञा लेना अत्यंत ही आवश्यक है।
शाबर सिद्ध करने की कुन्जी
- किसी भी दिन सूर्योदय के समय हवा में लिखना है।
- अंगूठे से 2 उगली छोड़ कर तीसरी उंगली से हवा में लिखे ।
- “सूर्योदय समय पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठ कर 108 बार हवा में लिखना है।”
(फिर शाम को एक माले का हवन करें। गुगल तोड़ कर 108 टुकड़े गिनले घी में डुवो कर मंत्र के आगे स्वाहः बोल कर एक एक आहुति डालते हैं। घी में डुबोकर”)
(रात्रि में शाबर करने से पहले इसकी एक माला जप कर दें।)
मंत्र –
“गुरु सठ गुरु सठ गुरु हे वीर गुरु साहिब सुमरो बड़ी भात सिंगी तोरो मन कहूं मन नाऊ करता सकल गुरु की हर भजे घटघट्टा पाकर उठ जाग चेत सम्हार श्री परमहंस की।
मंत्र –
“ॐ ग्राम ग्रीम ग्रुम (अमुक) दुष्टस्य मुखय स्तम्भय स्तम्भय जिव्हा कीलय कीलय अकाल मृत्युहीन भो गणाधिपति ॐ हलीम बगलामुखी ॐ फट् स्वाहः । “
जब कार्य करना है, तब 8 दिन रोज 11 माला जप कर दे।
भयानक दंड मिल जाता है।
कार्य – 11 माला रोज 8 दिन तक
एक माला बीज मन्त्र की सामग्री से हवन कर दे दीपावली व ग्रहण मे भी शाबर जाग्रत होते है।
1000जप कर ले
मंत्र –
“जय जय बगला महारानी, अगम निगम की तुम्हीं बखानी, संकट में घिरा दास तुम्हारो, अमुक (अपना नाम दें) दास को तुरत उबारो, बैरी का बल छिन लो सारो, निर्दयी दुष्टों को तुम्हीं संघारो, जिव्हा खिंच लो शत्रु की सारी, बोल सके न बिच सभारी तुम मातु मैं दास तुम्हारा, आन हरो मम संकट सारा, दुहाई कामरूप कामाख्या माई की । “
> एक हजार जप कर, एक माले का हवन बीज मंत्र की सामग्री से करे
> हवन के बाद गुरुभोज अवश्य करे
1000 का संकल्प
> तर्पण मार्जिन नहीं है
मंत्र –
घुर खोलू, धुरखन्द खोलू, आकाश खोलू पाताल खोलू गौरा जी काते सूत महादेव जी बनावे जाल, जिहमा खोलू बासू नाग, किया करतब जादू टोना खोलू धरती के चारों कोना खोलू, बधा हुआ ‘मंत्र खोलू, दुहाई कामरूप कामाख्या माई की।
> नोट – इसे शाबर परम्परा के अनुसार जाग्रत कर कार्य कर सकते है। (स्वअनुभूति)
–
मंत्र –
> “ॐ पीत पीतेश्वरी पीताम्बरा बगला परेमेश्वरी, ऐं जिव्हा स्तम्भनी हलीं शत्रुमर्दन कहाविद्या श्री कनकेश्वरी सनातनी क्रीं घोरा महामाया काल विनाशनी पर विद्या भक्षणी क्लीं महा मोह दायनी जगत वशि करणी ऐं ऐं हलूं हलीं श्रीं श्रीं क्रां क्रीं क्लां क्लीं पीतेश्वरी भटनेर काली स्वाहा ।
नोट – इसे शाबर परम्परा के अनुसार जाग्रत कर कार्य कर सकते है। (स्वअनुभूति)
मंत्र –
→ ॐ ह्ल्रीं बगलामुखी महाक्रूरी शत्रू की जिह्वा को पकड़कर मुदगर से प्रहार कर, अंग प्रत्यंग स्तम्भ कर घर बाघं व्यापार बांध तिराहा बांध चौराहा बांध चार खूँट मरघट के बांध जादू टोना टोटका बांध दुष्ट दुष्ट्नी कि विद्या बांध छल कपट प्रपंचों को बांध सत्य नाम आदेश गुरू का शब्द साचा पिंड काचा फुरो मंत्र ईश्वर वाचा |
मंत्र –
नोट – इसे शाबर परम्परा के अनुसार जाग्रत कर कार्य कर सकते है। (स्वअनुभूति).
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> एक ठौं सरसों सोलह राई, मोरों पठवल कोरो जाई खाए खाए पड़े मार, जे करै ते मरे ,उलट विद्या ताहि पर पड़े शव्द सांचा पिन्ड कांचा फुरो मन्त्र शिव वाचा, दुहाई कामरूप कामाख्या माई की। “
> नोट – इसे शाबर परम्परा के अनुसार जाग्रत कर कार्य कर सकते है। (स्वअनुभूति) > एक हजार जप कर एक माले का हवन साधारण हवन सामग्री से कर दे। देशी घी मे हवन सामग्री साने ।
पलट वार मंत्र
मंत्र –
> “ॐ नमो पीत पीतेशवरी पीताम्बरा महा बगलामुखी माता जाग्रय जाग्रय शत्रु स्तम्भनी शत्रु मर्दिनी महा विद्या महा माया काल विनाशिनी पर विद्या भक्षणि, सर्व जगत वशिकरणी मम सर्व मनोवांछित साधय साधय मम सर्व कुरू कुरू गुरु गोरखनाथ आज्ञा पयती हुमक
फट्।”
> एक हजार जप कर, एक माले का हवन बीज मंत्र की सामग्री से करे
> हवन के बाद गुरुभोज अवश्य करे
> 1000 का संकल्प
> तर्पण मार्जिन नही है
> बन्धन खोले – तारा शाबर
> ग्रहण काल मे 1000 जप कर साधारण हवन सामग्री से 1 माला का हवन कर गुरुभोज कर दे :-
मंत्र
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“हाजिर माता तारिणी नील टांगल झारणी बैठा है ता खड़ा कर खड़ा है ता राह छोड़ कख छोड़
मख छोड़, हथियार छोड़, दलदल व दरिया छोड़ “अमुक” पर लगी बंदिश, जादूतोड ऐसा जादू छोड़ जैसी आप माता तारिणी छोड़े । “
21 बार पढ़ करजल अभिमंत्रित कर पिला दे तुरन्त असर दिखलाता है।
मंत्र
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“ॐ मलयाचल बगला भगवती महाक्रूरी महाकराली राजमुख बन्धनम् ग्राम मुख बन्धनम्, ग्राम पुरुष बन्धनम्,कालमुख बन्धनम् चौरमुख बन्धनम्, व्याघ्र मुख बन्धनम्, सर्व दुष्ट ग्रह बन्धनम्, सर्वजन बन्धनम् वशी कुरु हुम् फट् स्वाहः । “
> एक हजार जप कर एक माले का हवन बीज मंत्र की सामग्री से करे
> हवन के बाद गुरुभोज अवश्य करे
> 1000 का संकल्प
> तर्पण मार्जिन नही है
|| जय माँ बगलामुखी ||