नोट:– पाठ से पूर्व बगला मूल मंत्र का 11 माला व बगला गायत्री का एक माला जप कर लें।
बगला में शिरः पातु ललाटं ब्रह्म संस्तुता ।
बगला में भवो नित्यं कर्णयोः क्लेश हारिणी ।।
त्रिनेत्रा चक्षुषी पातु स्तम्भनी गण्डयो स्तथा ।
मोहिनी नासिका पातु श्री देवी बगलामुखी ।
ओष्ठयो दुर्घरा पातु स्वदन्तेषु चच्चला।
सिद्धान्न पूर्णा जिह्वायां जिह्वाग्रे शारदाम्बिका । ।
अकल्मषा मुखे पातु चिबुके बगलामुखी ।
घीरा में कण्ठदेशे तु कण्ठाग्रे काल कर्षिणी ।
शुद्ध स्वर्ण निभा पातु कण्ठ मध्ये तथाऽम्बिका ।
कण्ठ मूले महाभोगा स्कन्धौ शत्रु विनासिनी ।
भुज में पातु सततं बगला सुस्मिता परा ।
बगला में सदा पातु कूर्परे कमलोदवा । ।
बगलाऽम्बा प्रकोष्ठौ तु मणि बन्धे महाबला ।
बगला श्री र्हस्तयोश्च कुरु कुल्ला कराङगुलिम ||
नखेषु वज्रहस्ता च हृदये ब्रह्म वादिनी ।
स्तनौ मे मन्द गमना कुक्षयो योगिनी तथा ।।
उदरं बगला माता नाभिं ब्रह्मास्त्र देवता ।
पुष्टिं मुदगर हस्ता च पातुनो देव वंन्दिता । ।
पाश्र्वयोर्हनुमद् वन्द्या प्शु पाश विमोचिनी ।
करौ राम प्रिया पातु उरु युग्मं महेश्वरी । ।
भगमाला तु, गमं में लिङग कामेश्वरी तथा ।
लिंग मूले महाक्लिन्ना वृषणो पातु दूतिका ।।
बगला जानुनी पातु जानुयुग्मं च नित्यशः ।
जङघे पातु, जगद्धात्री गुल्फौ रावण पूजिता ।।
चरणौ दुर्जया पातु पीताम्बा चरणाङ्गुली ।
पाद पृष्ठं पद्महस्ता पादाघ चक्र धारिणी ।।
सर्वाङग बगला देवी पातु, श्री बगलामुखी ।
वाराही मे पूर्वतः पातु माहेशी बहिन भागतः ।।
कौमारी दक्षिणो पात, वैष्णवी स्वर्ग मार्गतः ।
ऊध्र्व पाशघरा पातु, शत्रु जिवा घरा हयघः ।।
रणे राजकुले वादे महायोगे महाभये ।
बगला भैरवी पातु नित्यं क्लींकार रूपिणी । ।
इत्येवं वज्र कवचं महा ब्रह्मास्त्र संज्ञकम् ।
त्रिसन्हयं यः पठेत् घीमान् सर्वैश्वर्य वात्रुयात् ।।
क्रमशः
1. दक्षिण काली और भैरव का विधान किस प्रकार समाप्त करे ।
2. जिन्न को कैसे नष्ट किया जाए।
3. गडन्त को कैसे नष्ट किया जाए।
4. कृत्या को कैसे समाप्त करें।
5. दुष्ट ब्रह्मराक्षस पर भगवती पीताम्बरा के मंत्रों का चमत्कार।
|| जय माँ बगलामुखी ||