पीला रंग और उसका महत्व
“पीला रंग” पृथ्वी का है व गति का कारण ही नहीं है वरन् जहाँ वह गति के अभाव में गति-प्रद है वही गति के आधिक्य में अवसादक है। एक शब्दों में कह सकते हैं कि पीत वर्ण गति का सर्वतोभावेन संयामक है। भगवति बगलामुखि का वर्ण भी पीला है अतः इन्हें पीताम्बरा भी पुकारते हैं।
पीले रंग की यह प्रकृति ही बगलामुखी साधना में इसे विशेष बनाती है। यह रंग न केवल मानसिक शांति देता है, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा को भी संतुलित करता है। पीले रंग की वस्तुओं का पूजन में सम्मिलित होना साधना को प्रभावशाली बनाता है।
ऐतिहासिक दृष्टांत – श्री शारदा माँ की घटना
- बात सम्वत् 1930 की है।
- श्री श्री शारदा माँ मलेरिया से मुक्त होकर शाम को टहला करती थीं।
- एक पागल पहलवान ने माँ पर हमला किया।
- माँ ने पलटकर उसे थप्पड़ मारा, जिव्हा पकड़ ली और पीत प्रकाश से युक्त हो गईं।
- पागल शांत होकर साधु बन गया।
इस घटना में सबसे उल्लेखनीय बात यह थी कि माँ के शरीर, वस्त्र और चारों ओर एक दिव्य पीत प्रकाश व्याप्त हो गया था। यह दृश्य देखकर लोग स्तम्भित रह गए। यह पीले प्रकाश की ऊर्जा भगवती की कृपा स्वरूप प्रकट हुई और उस पागल को भी शांत कर दिया।
➡️ इससे स्पष्ट है कि भगवती के पूजन में पीले वर्ण की सामग्रियों का विशेष महत्व है।
भगवती को अर्पित वस्तुओं की चमत्कारिक शक्ति
- भगवती को अर्पित हर वस्तु शक्तिशाली हो जाती है।
- चाहे वह किशमिश हो, जल हो या पुष्प, सभी में विशेष ऊर्जा होती है।
यह केवल एक आस्था नहीं बल्कि अनुभूत सत्य है कि भगवती को जो भी वस्तु अर्पित की जाती है, वह दिव्य प्रभाव से युक्त हो जाती है। इसलिए पूजा में अर्पित जल, पुष्प, नैवेद्य या कोई भी वस्तु साधक को चमत्कारी लाभ देती है।
एक और अनुभव – चमत्कारी पुष्प का प्रयोग
- आठ वर्ष पूर्व की बात है।
- एक स्त्री का पति अस्पताल में भर्ती था, डॉक्टरों ने जवाब दे दिया था।
- मैंने पूजा के बाद भगवती को अर्पित पुष्प उसे दिया।
- पुष्प सिरहाने रखते ही स्थिति में सुधार आया।
इस अनुभव ने यह सिद्ध कर दिया कि श्रद्धा और भगवती की कृपा से कोई भी वस्तु, विशेषतः पूजा में अर्पित पुष्प, आश्चर्यजनक प्रभाव दिखा सकती है। उस स्त्री की आशा लौट आई और उसका पति स्वस्थ होने लगा।
➡️ यह प्रमाणित करता है कि भगवती को अर्पित पुष्प और जल चमत्कारिक होते हैं।
निष्कर्ष
- भगवती बगलामुखी का पूजन पूर्ण श्रद्धा और पीले रंग की सामग्रियों से किया जाए।
- उनकी कृपा से असंभव भी संभव हो सकता है।
- पीत वस्त्र, पुष्प, जल – ये सब साधना में अत्यंत उपयोगी और प्रभावशाली हैं।
भक्तजनों के लिए यह आवश्यक है कि वे पूजन में केवल विधिपूर्वक नहीं, वरन् श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवती को अर्पण करें। यही श्रद्धा, यही पीला पुष्प और यही जल साधना का सार है।
|| जय माँ बगलामुखी ||